रविवार, 23 नवंबर 2014

रहस्यमय पुराण प्रारंभ भाग -०2

रहस्यमय पुराण प्रारंभ भाग -०2

भूमण्डल विस्तार वरणम्

इस भूमण्डल का वृतांत सक्षेप में बताता हूँ जम्बू Bermuda, प्लक्ष Hawaii, शाल्मली Maui, कुश Mplokai, क्रोच्च Oahu, शाक Kauai और पुष्ककर Niihau ये सातों द्वीप ब्रह्मा जी द्वारा सबसे पहले स्थापित किया गया जो एक के बाद एक तिरक्षे होते चले गए है ये सभी द्वीप चारो ओर से खारे पानी इक्षुरस, मदिरा, धृत, दही, दुग्ध, और मीठे जल के सात समुद्रों से घिरा है सातों द्वीपों के भीतर वर्तमान हजारों छोटे छोटे द्वीप है जिनसे यह जगत व्याप्त है इसी सात द्वीप में सम्पूर्ण ब्रह्माण्ड का भेद है

जम्बूद्वीप रूपी पृथ्वी चारों तरफ से चौड़ाई और लम्बाई में सब ओर से बराबर एक लाख योजन की है इस लाख योजन वाले द्वीप में बहुत से जनपद, सिद्द्ग चारणों से व्याप्त है जम्बू द्वीप के मेरु के चारों तरफ नौ वर्ष व्याप्त है जिसका नाम भारतवर्ष, किम्पुरुषवर्ष (Europe), हरिवर्ष (Africa), रम्यकवर्ष (North America), हिरमन्यवर्ष (South America), करूदेश (Denmark), दक्षिण में एक महान शैलपर्वत है जिसे मालयवानवर्ष (Australia) कहते है, धनु देश or भद्राश्व (South Atlantic) और संस्थ: देश or केतुमाल देश (North Atlantic) है

इन सभी वर्षों के मध्य में विष्कम्भ नामक पर्वत है जिसकी लम्बाई और चौड़ाई 9 हजार योजन है इस विष्कम्भ नामक पर्वत पर इलावृत देश है

इलावृत देश पृथ्वी के मध्य में स्थित है जिसे आजकल Bermuda के नाम से जाना जाता है जिसका आकार आधे चन्द्रमा के सामान है

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